SIM कार्ड से Tatkal टिकट तक, Aadhaar ऑथेंटिकेशन हुआ जरूरी, पूरा प्रॉसेस जानिए
Aadhaar Card Update
What is Aadhaar Authentication: इस लेख मे जानिए आधार ऑथेंटिकेशन का पूरा प्रॉसेस, इसके फायदे और वेरिफिकेशन के तरीके.
वर्तमान में, आधार कार्ड भारतीय नागरिकों के लिए पहचान प्रमाण का सबसे बड़ा दस्तावेज़ है। यह भारतीय नागरिकों को दिया गया 12 अंकों का यूनीक नंबर होता है, जो भारत सरकार को नागरिकों के विवरण का इलेक्ट्रिक डेटाबेस बनाने में मदद करता है। भारत में आधार नंबर अधिकांश नागरिकों के लिए जारी किया जा चुका है.
इस सुविधा का लाभ उठाते हुए कई सरकारी विभाग, बैंक और टेलीकॉम कंपनियां अब आधार ऑथेंटिकेशन का उपयोग कर रही हैं. भारत में आधार ऑथेंटिकेशन अब कई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए अनिवार्य हो चुका है. SIM कार्ड जारी करने से लेकर टिकट बुकिंग तक, कई सरकारी और निजी संस्थान अब Aadhaar वेरिफिकेशन का उपयोग कर रहे हैं.
आधार ऑथेंटिकेशन क्या है? (What is Aadhaar Authentication ?)
आधार ऑथेंटिकेशन एक वेरिफिकेशन प्रॉसेस है, जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा संचालित किया जाता है| ऑथेंटिकेशन का मतलब यूआईडीएआई को सबमिट किए गए किसी व्यक्ति के जनसांख्यिकीय विवरण की सत्यता को वेरिफ़ाई करना होता है। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से हो सकता है.
आधार कार्ड को ऑथेंटिकेट करने की प्रक्रिया क्या होती है?
यूआईडीएआई आवेदन करने वालों को आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन सेवाएं देता है। आपको संबंधित प्राधिकरण को ऑथेंटिकेशन के लिए आवेदन करने की ज़रूरत होती है। इसके बाद प्राधिकरण सीआईडीआर के तहत उपलब्ध जानकारी के साथ आवेदक के दिए गए विवरण का मिलान करेगा।
संबंधित प्राधिकरण आपकी आधार संख्या दर्ज करके या आपके बायोमेट्रिक्स के ज़रिए आपके आधार विवरण तक पहुंच सकता है। अगर यह जानकारी मेल खाती है तो प्रतिक्रिया “हां” और नहीं होने पर “नहीं” होगी। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद – एजेंसी को व्यक्ति की पहचान की पुष्टि मिल जाती है.
आधार ऑथेंटिकेशन क्यों जरूरी है? (Aadhaar Authentication Importance)
- बैंकिंग सेवाएं – KYC वेरिफिकेशन के लिए आधार बैंक अकाउंट खोलने और लोन आवेदन में मदद करता है.
- SIM कार्ड वेरिफिकेशन – टेलिकॉम कंपनियां फर्जीवाड़े से बचने के लिए अब आधार ऑथेंटिकेशन का उपयोग करती हैं.
- IRCTC Tatkal टिकट बुकिंग – 1 जुलाई से IRCTC अकाउंट को Aadhaar से लिंक करना अनिवार्य होगा.
डुप्लीकेसी और धोखाधड़ी रोकने के लिए – आधार डेटा हर भारतीय नागरिक के लिए यूनिक आईडेंटिटी प्रदान करता है.
आधार कार्ड ऑथेंटिकेशन के अलग-अलग तरीके क्या होते हैं?
आधार के यूआईडीएआई ऑथेंटिकेशन के कई तरीके हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं। यहां उनमें से कुछ दिए गए हैं:
जनसांख्यिकी ऑथेंटिकेशन
इस तरह के ऑथेंटिकेशन में आधार धारकों की सभी जनसांख्यिकीय जानकारी शामिल होती है। इनमें आपका नाम, पता, उम्र, स्थान, लिंग, जन्मतिथि वगैरह शामिल हैं। इस ऑथेंटिकेशन के साथ, आपके सभी जनसांख्यिकीय विवरण आपके आधार नंबर से जुड़ जाते हैं, जो सीआईडीआर के तहत पंजीकृत हो जाते हैं। सरकारी प्राधिकरण इसे आपके आधार नंबर के ज़रिए ज़रूरत पड़ने के समय एक्सेस कर सकते हैं।
बायोमेट्रिक-आधारित ऑथेंटिकेशन
यह ऑथेंटिकेशन का सबसे महत्वपूर्ण रूप है, जो एक नागरिक की एक विशिष्ट पहचान बनाने के साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि उसके आधार विवरण को कोई और इस्तेमाल नहीं कर सकता है। आपके फ़िंगरप्रिंट, रेटिना और आइरिस पैटर्न से विशिष्ट जैविक लक्षण आते हैं, जिनका इस्तेमाल आधार अधिकारी आपके विवरण को अलग करने के लिए करते हैं। इससे उन्हें किसी भी समय आपकी बायोमेट्रिक जानकारी के साथ आपके आधार विवरण तक पहुंचने में मदद मिलती है।
ओटीपी-आधारित ऑथेंटिकेशन
हाल के समय में वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के ज़रिए ऑथेंटिकेशन करना लोकप्रिय हुआ है। इस सर्विस के लिए आपको अपना आधार नंबर अपने मोबाइल नंबर के साथ लिंक करना होगा। आप ओटीपी के लिए अपने सर्विस प्रोवाइडर से रिक्वेस्ट कर सकते हैं। तब, आप आधार विवरण को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पर मिली हुई ओटीपी दर्ज करके इसे ऑथेंटिकेट कर सकते हैं।
मल्टी-फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन
जैसा कि नाम से पता चलता है इस तरह के ऑथेंटिकेशन में दो या ज़्यादा फ़ॉर्म का मेल होता है। आप ऑथेंटिकेशन के तरीके का कोई मिश्रण चुन सकते हैं जैसे, ओटीपी, बायोमेट्रिक या जनसांख्यिकी प्रकार। इस तरह का ऑथेंटिकेशन सुनिश्चित करता है कि प्रक्रिया मज़बूत है और इससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
आधार कार्ड ऑथेंटिकेशन के लिए कौन से दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है?
अपने आधार कार्ड के अलावा आपको और कोई भी दस्तावेज़ देने की ज़रूरत नहीं है। हालांकि, अपने आधार ऑथेंटिकेशन के लिए आपको ओटीपी के लिए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल और अपनी बायोमेट्रिक विवरण की ज़रूरत होगी।
आधार कार्ड को ऑनलाइन ऑथेंटिकेट कैसे करें?
अगर आप आधार ऑनलाइन ऑथेंटिकेशन करने का प्लान कर रहे हैं, तो नीचे बताए गए कदम मदद कर करेंगे।
चरण 1: आधार की आधिकारिक वेबसाइट विजिट करें और अपने आधार कार्ड पर क्यूआर कोड स्कैन करें।
चरण 2: अपना कर्सर “मेरा आधार” पर लाएं। ड्रॉप-डाउन लिस्ट से “आधार नंबर वेरिफ़ाई करें” सेलेक्ट करें।
चरण 3: अपने वर्तमान डेटा को वेरिफ़ाई करने के लिए अपना आधार नंबर और दूसरी जनसांख्यिकी विवरण दर्ज करें।
आधार कार्ड ऑथेंटिकेशन की हिस्ट्री ऑनलाइन कैसे चेक करें?
आप अपने आधार कार्ड के अपडेट और ऑथेंटिकेशन की हिस्ट्री ऑनलाइन देख सकते हैं। इसे करने के चरण यहां दिए गए हैं।
चरण 1: यूआईडीएआई की वेबसाइट विजिट करें और अपने विवरण के साथ लॉगइन करें। “आधार अपडेट” सेक्शन पर जाएं।
चरण 2: “आधार की अपडेट हिस्ट्री” पर क्लिक करें। सुरक्षा कोड के साथ 12 अंकों का आधार नंबर दर्ज करें।
चरण 3: अपने रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर ओटीपी भेजने के लिए सेलेक्ट करें। ओटीपी दर्ज करें।
चरण 4: “सबमिट” पर क्लिक करने के बाद, स्क्रीन पर बायोमेट्रिक या जनसांख्यिकी डेटा के साथ पूरी ऑथेंटिकेशन की हिस्ट्री दिखाई देगी।
आधार कार्ड ऑथेंटिकेशन का महत्व क्या है?
आधार कार्ड का ऑथेंटिकेशन किसी के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है। हालांकि, भारतीय नागरिकों के लिए सेवाएं देने वाले सार्वजनिक और निजी संगठनों को इसकी ज़रूरत होती है। इनमें अलग-अलग योजनाएं, सब्सिडी और फायदे शामिल हैं। उन्हें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि इन फायदे के लिए आवेदन करने वाले उनके योग्य हों। उसके लिए, उन्हें अपने विवरण को एक्सेस करने और जानकारी को वेरिफ़ाई करने की ज़रूरत है।
सर्विस प्रोवाइडर के लिए यह जानकारी इकट्ठा करना और इसे वेरिफ़ाई करना अक्सर चुनौती भरा होता है। हालांकि, आधार ऑथेंटिकेशन के साथ यह प्रक्रिया अब काफी तेज और पूरी तरह से ऑनलाइन हो गई है। इससे ऐसे अधिकारियों के लिए यह सुनिश्चित करना आसान हो जाता है कि सेवाएं और फायदे सही लोगों तक पहुंचे।
इस तरह, ज़ाहिर है कि आधार कार्ड ऑथेंटिकेशन भारत सरकार और निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि किसी निवासी के दस्तावेज़ों का किसी भी तरह से दुरुपयोग नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, यह ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन को मजबूत करता है और सरकारी प्रक्रियाओं को और ज़्यादा कुशल बनाता है।